पति प्राप्ति हेतु श्लोक -

 ;पति प्राप्ति हेतु श्लोक - 



      ‘हे गौरि ! शंकरार्धांगि ! यथा त्वं शंकरप्रिया ।

      तथा मां कुरु कल्याणि कान्तकान्तां सुदुर्लभाम्।


अर्थात-

 हे गौरी, शंकर की अर्धांगिनी !  जिस प्रकार तुम शंकर की प्रिया हो, उसी प्रकार हे कल्याणी ! मुझ कन्या को  दुर्लभ वर प्रदान करो।



यह देवी पार्वती का मंत्र है जिसमें भगवती पार्वती से यह  प्रार्थना की जाती है की जैसे वह भगवान् शंकर को प्रिय हैं  वैसा ही सुदुर्लभ मनोवांछित वर वह हमें प्रदान करें और  आशीर्वाद प्रदान करें | जो कन्या इस पार्वती मंत्र का एकाग्रचित्त से 108 बार पाठ करती है, उसे शीघ्र ही भगवती देवी मनोवांछित वर प्रदान  करती है और उसके विवाह में आने वाली सभी अडचनें और बाधाएं दूर हो जाती हैं |

 


इस मंत्र साधना को किसी भी शुभ दिन या मंगलवार से शुरू किया जा सकता है |


स्नानादि से निवृत हो कर प्रातः लाल रंग के वस्त्र पहन कर लाल आसन पर सुखासन में बैठें|


माँ गौरी को लाल रंग के पुष्प से पूजा करें |


धूप और दीप जलायें |


मनोवांछित पति की कामना के लिए संकल्प करें और  लाल मूंगे की माला से प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करें |


यह जाप आप 21 दिन तक करें और अंतिम दिन 7 कन्यायों को भेंट प्रदान करें |


आप इस साधना को 3 या 4 बार कर सकती हैं जब तक सफलता प्राप्त न हो |


HEY GAURI SHANKAR-ARDHANGI YATHA TWAM SHANKARPRIYA

TATHA MAM KURU KALYANI KANTAKANTAM SUDURLABHYAM


English Meaning- 

Goddess Gauri, the better-half of Lord Shankara, 

As you are beloved of Lord Shiva, please provide 

Me the desired bridegroom.


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