शनि उपाय (Saturn Remedy) 1) दान- *ज्येष्ठ शनिवार के दिन काला वस्त्र सवा मीटर, काली दाल सवा किलो, सरसो तेल, लोहा। 2) पूजन- • शिवजी के भैरव रूप की आराधना करें। *हनुमान चालीसा का पाठ। *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं। ॐ शं शानिश्चराय नमः मंत्र का यथाशक्ति जाप। *भोजन का प्रथम ग्रास गाय को खिलाएं। अथवा • सरसो के तेल से चुपड़ी रोटी काले कुत्ते को डालें। • शनिवार को देवस्थान की सेवा/ सफाई करें।
विवाह योग (Vivah Yog) विवाह योग के लिये जो कारक मुख्य है वे इस प्रकार हैं- • सप्तम भाव का स्वामी खराब है या सही है वह अपने भाव में बैठ कर या किसी अन्य स्थान पर बैठ कर अपने भाव को देख रहा है। सप्तम भाव पर किसी अन्य पाप ग्रह की द्रिष्टि नही है। कोई पाप ग्रह सप्तम में बैठा नही है। यदि सप्तम भाव में सम राशि है। सप्तमेश और शुक्र सम राशि में है। सप्तमेश बली है। सप्तम में कोई ग्रह नही है। किसी पाप ग्रह की द्रिष्टि सप्तम भाव और सप्तमेश पर नही है। दूसरे, सातवें , बारहवें भाव के स्वामी केन्द्र या त्रिकोण में हैं, और गुरु से द्रिष्ट है। सप्तमेश की स्थिति के आगे के भाव में या सातवें भाव में कोई क्रूर ग्रह नही है। *विवाह नही होगा अगर* सप्तमेश शुभ स्थान पर नही है। सप्तमेश छ: आठ या बारहवें स्थान पर अस्त होकर बैठा है। सप्तमेश नीच राशि में है। सप्तमेश बारहवें भाव में है,और लगनेश या राशिपति सप्तम में बैठा है। चन्द्र शुक्र साथ हों,उनसे सप्तम में मंगल और शनि विराजमान हों। शुक्र और मंगल दोनों सप्तम में हों। शुक्र मंगल दोनो पंचम या नवें भाव में हों। शुक्र किसी पाप ग
मंगल उपाय (Mars Remedy) - 1) पूजन • हनुमान चालीसा प्रत्येक मंगलवार/ प्रतिदिन 2) दान- मंगलवार के दिन दोपहर के समय निम्न वस्तुएँ दान दें- • लाल वस्त्र, मलका की दाल, ताँबे का पात्र/ बर्तन 3) मंत्र- ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। 108 बार जाप स्फटिक की माला से।
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